आज नवरात्रि का पांचवा दिन है | आज के दिन देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना की जायेगी । इनकी उपासना से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार देवताओं के सेनापति कहे जाने वाले स्कन्द कुमार, यानि कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। स्कंदमाता अपने भक्तों पर उसी प्रकार अपनी कृपा बनाये रखती हैं, जैसे कोई माता अपने बच्चों पर बनाये रखती हैं। अतः देवी मां की कृपा बनाये रखने के लिये और घर-परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिये आज के दिन उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए ।
स्कंदमाता को कार्तिकेय की माता माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि संतान की प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की आराधना करनी चाहिए।
आज नवरात्रि के पांचवें दिन नवदुर्गा के पांचवें स्वरूप यानी स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंदमाता भक्तों के लिए स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त करती हैं. माता भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मां का स्वरुप बेहद अद्भुत और ममतामयी है. स्कंदमाता ने अपमे दो हाथों में कमल का फूल धारण किया है. उनके एक हाथ में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय जी हैं जिसे उन्होंने अपनी गोद में बैठाया हुआ है और एक हाथ से देवी स्कंदमाता आशीर्वाद दे रही हैं. नवरात्रि में देवी स्कंदमाता की पूजा के बाद उनकी आरती पढ़नी चाहिए. आइए जानते हैं स्कंदमाता की आरती...