Photo Album: अश्विन नवरात्रि पर माँ कल्याणी देवीजी का श्रृंगार झांकी -2

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श्री कल्याणी देवी नम: 

महाशक्तिपीठ माँ कल्याणी देवी मन्दिर, प्रयाग

महाशक्ति पीठ माँ कल्याणी देवी जी संक्षिप्त इतिहास व महात्म 

प्रयाग की अधिष्ठात्रीं माँ कल्याणी (ललितापीठ) हैं। 

पद्म पुराण – प्रयाग महात्म का ७६वें अध्याय ‘‘तस्पोत्तरे अस्ति ललिता कल्याणीति च गीयते। दर्शनस्तस्य पूजामि: सर्वेषां सर्वकामदा।।’’ अर्थात प्रयाग में माँ ललिता कल्याणी के नाम से विख्यात हैं। इनके दर्शन, पूजन एवं स्तवन से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। 

मत्स्य पुराण – इसमें १०८ पीठों का वर्णन है, जिसमें माँ कल्याणी का नाम सर्वप्रथम आया है। 

महर्षि भरद्वाज – कीं अधिष्ठात्री देवी है। 

पुरातात्विक – इलाहाबाद संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ॰ सतीश चन्द्र काला जी ने माँ कल्याणी की प्रतिमा का शोध कर इन्हें लगभग १५ सौ वर्ष प्राचीन प्रतिमा बताया है। प्रमुख पुस्तक – ‘‘दि डेस्टीनेशन गोईंग इण्डिया ग्लोबल’’ तीर्थों का तीर्थ प्रयाग, उत्तर खोजते प्रश्न, प्रयाग कुम्भ महापर्व, स्वर्ण भूमि प्रयाग, प्रयाग महात्म्य आदि पुस्तकों में माँ कल्याणी (ललिता) का वर्णन आया है। अत: पौराणिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर प्रयाग में कल्याणी देवीजी का मन्दिर ही शक्तिपीठ है, अतएव इससे प्राचीन मन्दिर प्रयाग में अन्यत्र नहीं है। प्रतिवर्ष चैत्र कृष्ण शीतला अष्टमी, चैत्र अश्विन नवरात्रि में माँ का भव्य शृंगार दर्शन, मेला, कथा, शतचण्डी पाठ, विशाल भण्डारा, भजन आदि कार्यक्रम आयोजित होते रहते है, जिसमें नगर, जनपद व अन्य जनपदों से लाखों श्रद्धालु भक्त माँ कल्याणी के दर्शन, पूजन हेतु आते हैं। उपरोक्त अवसर पर आप सभी भक्तजन माँ की मनोहर झाँकी शृंगार का दर्शन कर पुण्य के भागी बनें। 

अध्यक्ष: विनीत: 

पं॰ सुशील पाठक 

पं॰ श्यामजी पाठक

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