अनूठा व्यक्तित्व
सन् १९७३ से १९७७ तक इस वृहद धार्मिक कार्य को पं॰ सीताराम पाठक प्रयाग के गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग से बड़ी निष्ठा के साथ किया। सन् १९७८ से २००२ तक पं॰ सीताराम पाठक के छोटे भाई पं॰ राम जी पाठक ने इस कार्य को बड़ी निष्ठा के साथ निभाया। इसके पश्चात पं॰ सीताराम राम पाठक के ज्येष्ठ पुत्र पं॰ सुशील कुमार पाठक अपने परिवार एवं प्रयाग के गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग से मंदिर से संबंधित सभी दायित्यों का बड़ी निष्ठा एवं लगन के साथ कर रहे हैं।
पं॰ केदारनाथ पाठक के बाद उनके ज्येष्ठ पुत्र पं॰ सीताराम पाठक एवं उनके छोटे भाई पं॰ राम जी पाठक ने भक्तों के सहयोग से सम्पूर्ण मंदिर में संगमरमर लगवाने का कार्य कराया तब से यह कार्य निरन्तर भक्तों के सहायोग से होता आ रहा है। वर्तमान में मंदिर के अध्यक्ष पं॰ सुशील कुमार पाठक एवं महामंत्री पं॰ श्याम जी पाठक मंदिर के सुन्दरीकरण एवं पूजन अर्चन का कार्य अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर कर रहे हैं।
अध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक सभी के लिए कल्याणीकारी कार्य योजना के अन्तर्गत नि:शुल्क चिकित्सा व्यवस्था प्रारम्भ हो गई है। जिसमें कुशल चिकत्सक डॉ॰ अश्विन शुक्ल द्वारा चिकित्सा की जाती है। भविष्य में प्रतिदिन अपरहन में साधुसन्तों एवं जरूरत मंदो के लिए अन्य क्षेत्र की व्यवस्था, वेद सहित सभी सनातम धर्म सम्बंधी ग्रंथों के पुस्तकालय का निर्माण कराने की भी योजना शीघ्र ही प्रारम्भ की जायगी।