Statue of Maa Kalyani / माँ कल्याणी का प्रतिमा मण्डल

अपने अंचल में सिद्धि की शक्ति को लपेटे भगवती कल्याणी का प्रतिमा मंडल दिव्य आभ और आकर्षण कर केन्द्र है। प्रतिमा मंडल के मध्य भाग में एक आभा चक्र है, मस्तष्क पर यानि, लिंग एवं फणीन्द्र शोभायमान हैं। मध्यमूर्ति के वाम पाश्व्र में दस महाविधाओं में से एक भगवती छिन्नमस्ता की अनुपम प्रतिमा विराजमान है। दक्षिण भाग में देवाधिदेव महादेव की मनोरम प्रतिमा विराजमान है। दखिण भाग में देवाधिदेव महादेव की मनोरम प्रतिमा है जिसके अंग में माँ पार्वती विराजमान हैं। मुख्य प्रतिमा के ऊपर दाएँ भाग में वध्न विनाशक गजानन गणेश की सुन्दर प्रतिमा है। मध्य मूर्ति के ऊपर बायीं और अतुलित बलधाम रूद्रावतार पवन-सुत श्री हनुमान जी की मूर्ति सुशोभित है। इसी मध्य मूर्ति के ऊपर की भगवान दत्तात्रेय जी की आकर्षक प्रतिमा है। माता कल्याणी जी की मनोरम प्रतिमा के निम्न भाग में भगवती की सेविकाओं के रूप में दो-दो योगनियाँ हैं। इस प्रकार आद्याशक्ति कल्याणकारिणी भगवती के साथ नयनाभिराम देव मण्डल विद्यमान है। देवी -देवताओं का ऐसा अनुपम प्रतिमा मण्डल सामान्यत: अन्यत्र नहीं दिखाई पड़ता है। जब उस प्रतिमा मण्डल का पूरा शृंगार हो जाता है तब इसकी पूरी शोभा अवर्णनीय ही होती है।

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